यू आर अनंतमूर्ति: प्रतिरोध के नए मुहावरों का चितेरा

[आगाज़ के सितम्बर अंक में प्रकाशित] 


उडिपी राजगोपालाचार्य अनंतमूर्ति, या सीधे यू आर ए अनंतमूर्ति कहने पर जो पहली चीज जेहन में आती है है वह है एक अनंत विद्रोह की चेतना। वह विद्रोह जो उनके उपन्यास 'संस्कार' मेंचरम पर दिखता है पर जो हकीकत में उनके सारे लेखन और जीवन की अंतर्धारा है. अनंतमूर्ति के लेखन की सबसे ख़ास बात है कि उनके यहाँ विद्रोह सायास लाया हुआ नहीं दिखता। न हीउनके लेखन में यह विद्रोह किसी ट्रोप, या प्रविधि की तरह नहीं आता बल्कि जिए हुए जीवन की सच्चाइयों से निकलता है.

अनंतमूर्ति का जिया हुआ जीवन भी बहुत दिलचस्प है. एक अति सांस्कारिक ब्राह्मण परिवार में पीला बढ़े बच्चे से प्रतिगामी मूल्यों के खिलाफ खड़े आधुनिक वैज्ञानिक चेतना से लैससाहित्यकार बनने का उनका सफर एक पूरी पीढ़ी का सफर है. उस पीढ़ी का जिसने औपनिवेशिक भारत के उतार के दौर से जीवन शुरू कर पहले एक बहुलतावादी लोकतान्त्रिक भारत को बनते देखा है और फिर 1980 से उस भारत पर बढ़ते हिन्दूवादी हमले भी.

कहने की जरूरत नहीं कि संकीर्णतावादी और प्रतिगामी चेतना के न केवल खतरे उन्हें साफ़ दिखते थे बल्कि वह उनसे लड़ने को तैयार थे. इसीलिए आशीष नंदी के शब्दों में एक शास्त्रीय फासीवादी नरेंद्र मोदी का प्रधानमंत्री बना उन्हें अस्वीकार ही नहीं असहनीय भी था और यह उनके ऐसी दशा में भारत छोड़ देने के बयान का कारण था. यहाँ फिर अनंतमूर्ति के जीवन विशिष्टता दिखती है- वह निष्क्रिय आलोचना या विरोध के पक्षधर नहीं बल्कि सक्रिय प्रतिरोध के झंडाबरदार थे, जनता के खेमे में खड़े अवययी बुद्धिजीवी थे.

फिर यह प्रतिबद्धता केवल मोदी के प्रधानमंत्री बनने जैसे 'बड़े' सवालों पर नहीं जागती थी बल्कि समसामयिक आंदोलनों के ऐसे मुद्दों पर भी अनंतमूर्ति पूरी ताकत से जनता खड़े होते थेजिनपर और 'बुद्धिजीवी' बचने की कोशिश करते थे. सिर्फ एक उदाहरण लें तो तेलंगाना में छात्रों के बीफ और पोर्क खाने की आजादी की मांग से शुरू होकर पूरे देश में फ़ैल गए भोजन केलोकतान्त्रिक अधिकार के आंदोलन के पक्ष में खड़े होने वाले गिनेचुने बुद्धिजीवियों में से अनंतमूर्ति एक थे. गौरतलब है कि उन्होंने अपना मत पेजावर मठ के मठाधीश की निर्मम आलोचनाके बाद भी नहीं बदला था.

फिर से लौटें कि अनंतमूर्ति के जीवन और लेखन दोनों में यह पक्षधरता आयी कहाँ से? इसी सवाल का जवाब हमें उनकी महत्वपूर्ण कहानी घाटश्राद्ध तक ले जाता है. वह कहानी जिसमेवैदिक संस्कृत विद्यालय में पढ़ने वाला एक बच्चा गर्भवती ब्राह्मण विधवा के साथ खड़ा होता है, की कोशिश करता है पर फिर हार जाता है और उस महिला का घाटश्राद्ध (जीवित व्यक्ति कामृत्यु संस्कार) होते हुए देखता है. इस कहानी और बाद में इसके फिल्मांकन ने कन्नड़ भाषा में नव्या आंदोलन ही नहीं शुरू किया बल्कि कन्नड़ सिनेमा को भी एक नयी चेतना, नयी भाषादी.

शुद्ध-अशुद्ध और ऊँचनीच की अवधारणा पर टिके ब्राह्मणवाद का प्रतिकार उनके लेखन का प्रतिनिधि स्वर बन के उभरता है. उससे भी दिलचस्प यह कि अनंतमूर्ति ब्राह्मणवाद की आलोचनाका हथियार अक्सर उसके अंदर की अमानवीयता और अंतर्विरोधों को बनाते हैं, उसकी मूल मान्यताओं पर हमला करते हैं. वे दिखाते हैं कि ब्राह्मणवादी पाखंड अंदर से कितना खोखला है.उनका प्रसिद्द उपन्यास 'संस्कार' उनकी इस विशिष्ट लेखन शैली का उरूज है. इस उपन्यास में वे एक कर्मकांडी ब्राह्मण और मांस मदिरा खाने वाले और एक वेश्या से मित्रता रखने वाले ब्राह्मण के अंतर्संबंधों को आधार बना कर पवित्रता के मिथक को ध्वस्त करते हैं.

अनंतमूर्ति के लेखन की यही विशिष्टता उनके गल्प लेखन को सामाजिक विज्ञान पर लाकर खड़ा कर देती है. उनके गांवों, विद्यालयों, परंपराओं और संस्कारों का वर्णन काल्पनिक नहीं बल्किसमाजशास्त्रीय वर्णन है, ऐसा वर्णन जिसके आधार पर जातीय परंपराओं पर निर्णायक शोध किये जा सकते हैं. यह एक बात है जो धीरे धीरे समाज से कटते जा रहे हिंदी साहित्य को अनंतमूर्ति सेसीखना चाहिए। दुनिया का कोई भी साहित्य निर्वात में टंगा नहीं हो सकता, उसे अपनी सार्थकता के लिए अपनी जमीन अपनी जड़ों से जुड़ना ही पड़ता है. अनंतमूर्ति का यह चुनाव अंग्रेजी का प्रोफ़ेसर होने केबाद भी कन्नड़ में लिखने में ही नहीं बल्कि उनकी कहानियों, उपन्यासों और सारे लेखन में दिखता है. यही है शायद जो उनकी सार्वकालिक महानता की एक वजह भी है.

मैंने इस लेख में उन्हें मिले ज्ञानपीठ से लेकर पद्मपुरुस्कारों तक का जिक्र नहीं किया है. यूँ तो यह कह देना ही काफी होता कि कोई ऐसा पुरूस्कार नहीं है जो उन्हें मिला न हो, पर फिर अनंतमूर्ति हमेशा अपनेलेखन के लिए याद किये जायेंगे, पुरुस्कारों के लिए नहीं। 

अलविदा अनंतमूर्ति।
आपको अभी नहीं जाना था, अभी ही तो आपकी जरूरत सबसे ज्यादा थी.

Comments

  1. कपया आगाज़ पत्रिका के इस अंक को खरीदने संबंधी जानकारी प्रदान करें

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