अनिल विज का कोविद कांड उर्फ़ तमाशों से देश नहीं चलता!

 पब्लिक हेल्थ पढ़े हम जैसे लोग जानते हैं कि तमाम वैक्सीन सिर्फ़ असफल नहीं होतीं, जो सफल होती हैं उनकी भी सफलता दर अक्सर 60-70% के बीच होती है।

आसान भाषा में- टीका लगाने के बावजूद 100 में 40 लोगों पर असफल हो सकती है।
वह भी जब पूरी प्रक्रिया से गुज़री हो- परीक्षण ढंग से हुआ हो, मानकों को पूरा करते हुए, डबल ब्लाइंड (देने वाले और लेने वालों दोनों को पूरा परीक्षण पूरा होने तक पता ना हो कि कौन सा व्यक्ति असल वैक्सीन पा रहा- कौन सिर्फ़ भ्रम)।
वैसे यह जानने के लिए पब्लिक हेल्थ की पढ़ाई भी नहीं चाहिए- कोई अख़बार पढ़ते रहें, उसका संपादकीय हिस्सा तो पता चल जाता है।
जैसे यह जानने के लिए कि अंतरिक्ष मिशन असफल होते हैं इसरो का वैज्ञानिक होने की ज़रूरत नहीं होती।
इसीलिए विज्ञान के प्रयोगों, शोधों को राजनैतिक तमाशे में नहीं बदला जाता। चंद्रयान के पहले इसरो के तमाम प्रक्षेपण असफल हुए हैं, उनसे ज़्यादा सफल। नासा तक का कल्पना चावला को वापस ला रहा स्पेस शटल जल कर ख़ाक हो गया था, दर्जनों सफल उड़ानों के बाद।
इसीलिए दुनिया के राजनेता खुद वैज्ञानिक ना हों तो वैज्ञानिक प्रयोगों से खुद को दूर रखते हैं। वे प्रक्षेपण देखने नहीं जाते। चिकित्सकीय प्रयोगों में भागीदारी करते भी हैं तो उत्साह बढ़ाने के लिए, जनता को विश्वास दिलाने के लिए।
जो हर चीज़ का तमाशा बनाते हैं उनका चंद्रयान हो जाता है। पूरी दुनिया के सामने असफलता का तमाशा। वैसे याद दिला दें कि ये वाले तमाशेबाज लफ़्फ़ाज़ बोले थे कि कांग्रेस के जमाने में बना मंगलयान असफल होता तो उनकी ज़िम्मेदारी होती- काहे होती ये नहीं बताये थे।
वैज्ञानिक बनाए थे, सफलता भी उनकी होती असफलता भी- हाँ, असफलता कोई अपराध ना होती। पर हो गया फिर नसीबचंद का नसीब- चंद्रयान असफल- पूरी दुनिया के सामने। सबने देखा साहब उसके भी तमाशबीन थे!
आज कोविद वैक्सीन का भी अनिल विज हो गया। अब देते रहिए सफ़ाई- पहली डोज़ थी- दूसरी के बाद सफल होता। कैसे भाई- डबल ब्लाइंड में क्लिनिकल ट्रायल होने के पहले पता कैसे चला कि डोज़ थी, प्लेसीबो था क्या था!
हाँ, जो हुआ- वो ये कि जगहँसाई एक हुई, जनता का यक़ीन बुरी तरह टूटा। वॉल भरी हुई है- अब तो क़तई ये वैक्सीन ना लेंगे के दावों से! वापस लाते रहिए अब!
हाँ, तमाशा सिर्फ़ सरकार और आईसीएमआर का नहीं, देश का भी बना है। हमारी वैक्सीन में कितना भरोसा बचेगा- बताने की ज़रूरत नहीं।
ऐसे तमाम और तमाशे मुबारक- आपने चुना है!

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