क्या है वाइट फंगस? लक्षण, बचाव और इलाज

 वाइट फंगस: जानकारी, सावधानी और बचाव (साजिश सिद्धांतों से भी)


देश पहले से मौजूद ब्लैक फंगस के कोविद के साथ मिल हत्यारा हो जाने के संकट से जूझ ही रहा था कि वाइट फंगस और आ गया. सो क्या है यह वाइट फंगस?

सबसे पहली बात कि यह कैंडिडा या कई देशों में थ्रश नाम से जाना जाने वाला मुंह में होने वाला फंगल संक्रमण नहीं है जैसा कि तमाम डॉक्टर भी बता रहे हैं.

कैंडिडा ज़्यादातर मुंह, गट (आंत), योनि आदि में मौजूद एक यीस्ट (फंगस) होता है. ज़्यादातर खतरनाक क्या अक्सर खतरनाक ही नहीं होता। हो भी जाये तो आसानी से इलाज हो जाता है.

इसके ठीक उलट वाइट फंगस नाख़ून, त्वचा, किडनी, मष्तिष्क, यौनांगों के साथ फेफड़ों में भी हो सकता है. मुंह में तो खैर संभव ही है.

साथ ही यह अन्य जगहों में भी फ़ैल सकता है- जैसे घुटनों में जहाँ आर्थराइटिस का भ्रम देगा, सेंट्रल नर्वस सिस्टम में भी जहाँ या कारण समझ ही नहीं आएगा, या माइग्रेन जैसा लगेगा।

क्या यह ब्लैक फंगस से ज़्यादा खतरनाक है?

इलाज की दृष्टि से नहीं, लेकिन पहचान की दृष्टि से बहुत ज़्यादा! इसके ज़्यादातर लक्षण कोविद से बिलकुल मिलते हैं (याद करें कोविद में दृष्टि कम होना, गाल में दर्द होना, जबड़ा फूल जाना आदि लक्षण सामान्य नहीं हैं जिनसे ब्लैक फंगस पकड़ में आ जाता है). वाइट फंगस लगभग वैसे ही असर डालता है और पहचान मुश्किल कर देता है!

असल में फ़र्क़ इससे समझ लें कि बावजूद इसके कि ब्लैक फंगस के मामले देश में लगातार बढ़ रहे हैं, 2019 में भी काफी आये थे, पर हाल फ़िलहाल वाले ज़्यादातर कोविद मरीज़ों में या कोविद से ठीक हुए मरीज़ों में मिल रहे हैं.

इसके ठीक उलट वाइट फंगस के पटना में मिले चारों मामलों में लक्षण सब कोविद वाले थे पर कोविद था ही नहीं! शुक्र है डॉक्टर बढ़िया थे, फंगल संक्रमणों का इलाज भी शुरू कर दिया। न पकड़ पाते तो कोविद का इलाज करते रहते!

लक्षण: त्वचा पर बिना दर्द वाले रैशेस, फूलना, आदि
फेफड़ों में संक्रमण पर सारे कोविद वाले- सांस फूलना, खांसी, छाती में दर्द, बुखार
घुटनों में: आर्थराइटिस जैसा दर्द
सेंट्रल नर्वस सिस्टम में: माइग्रेन जैसा दर्द, उलझन, सीज़र्स तक!

डायग्नोसिस: एचआरसीटी या छोटी सी बायोप्सी 

इलाज: बहुत आसान, एंटी फंगल दवाओं से- दिक्कत यह कि पहचान होनी चाहिए कि कोविद नहीं है, वाइट फंगस है. अगर और बीमारियाँ हैं तब बहुत सावधानी चाहिए। 

बचाव: बेहद आसान: ऐसी जगहों पर जहाँ फंगस की उपस्थिति और छोटी मोटी चोट (जैसे गुलाब के पौधे की पत्तियाँ छांटते हुए हल्का कट जाना) दोनों की संभावना हो वहाँ बहुत बच कर रहना! 

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